शनिवार, 20 अप्रैल 2013

यूँ ही


यूँ ही

कभी-कभी
दिल के झरोखे से
तुम्हारी यादें
सराबोर कर जाती है…

स्वयं से परिचित होने
और स्वयं में ही

ठहर जाने की इच्छा लिए...!!

1 टिप्पणी:

सखियों आपके बोलों से ही रोशन होगा आ सखी का जहां... कमेंट मॉडरेशन के कारण हो सकता है कि आपका संदेश कुछ देरी से प्रकाशित हो, धैर्य रखना..