Rhythm: सपने झूठे होते हैं सुबह के.........: माँ !! रात मैंने एक सपना देखा तुम हो !! आँगन में सोयी सी और पास तेरे एक सफ़ेद कपडे में बैठी औरत जोरो से हंस रही हैं बेहताशा औ...
आपका सबका स्वागत हैं .इंसान तभी कुछ सीख पता हैं जब वोह अपनी गलतिया सुधारता हैं मेरे लिखने मे जहा भी आपको गलती देखाई दे . नि;संकोच आलोचना कीजिये .आपकी सराहना और आलोचना का खुले दिल से स्वागत ....शुभम अस्तु
बहुत खुबसूरत एहसास पिरोये है अपने......
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