गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

महा छठ पर्व बिहार



बिहार का छठ पर्व

हमारें बिहार का मशहूर पर्व छठ है जिसें हम बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं और पूजा में पूरें मन से संलग्न हो जातें हैं।मैं तों बचपन से ही अपनें घर और शादी के बाद ससुराल में छठ की पूजा देखतीं आ रही और पूरें मन से इस पूजा में सलंग्न रही हूं।
छठ पर्व हमारें बिहार का ही नहीं बल्कि पूरे भारत में मनाया जानें वाला एक मुख्य त्योहार बन गया  है। यह पर्व वैदिक काल से ही चला आ रहा है और बिहार की संस्कृति बन चुका है। यह चार दिनों तक चलने वाला पावन व कठिन पर्व है जिसमें भगवान भास्कर की आराधना की जाती है।यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है चैत्र और कार्तिक माह में।इस पर्व में पवित्रता का खास ध्यान रखा जाता है।  नहाय-खाय के दिन से छठ पूजा की शुरुआत होती है। दूसरें दिन खरना की पूजा होती है जिसमें व्रती सारा दिन उपवास कर शाम में रोटी और गुड़ की खीर का भोग लगातें हैं और पुनः 36 घंटे का उपवास शुरू करतें।तीसरे दिन शाम में किसी नदी ,तालाब में डूबतें सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है।
छठव्रती द्वारा चौथे दिन कार्तिक शुक्ल सप्तमी की सुबह उदियमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। 
 पूजा का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष इसकी सादगी पवित्रता और लोकपक्ष है। भक्ति और आध्यात्म से परिपूर्ण छठ पर्व बाँस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बर्त्तनों, गन्ने का रस, गुड़, चावल और गेहूँ से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है और लोग मिलजुल कर इसें पूरा करतें हैं।
 छठ पर्व में खरना पूजा से लेकर अर्ध्यदान तक समाज की अनिवार्य उपस्थिति बनी रहती है। लोग सेवा भाव मन में लिए पूर्ण रूपेण एक-दूसरें की मदद करतें हैं। छठ पर्व भक्ति भाव से कियें गए सामूहिक कर्म का भव्य प्रदर्शन है।
इस पूजा में जातियों के आधार पर कहीं कोई भेदभाव नहीं है ,सभी इस पर्व को निष्ठा से करतें हैं। समाज में सभी को बराबरी का दर्जा दिया गया है।इस पर्व का उद्देश्य सूर्य से अपनापन और निकटता को महसूस करना है। सूर्य को जल अर्पित करने का अर्थ है कि हम संपूर्ण हृदय से आपके (सूर्य के) आभारी हैं और यह भावना प्रेम से उत्पन्न हुई है। इसमें दूध से भी अर्घ्य देते हैं। दूध पवित्रता का प्रतीक है। दूध को पानी के साथ अर्पित किया जाना इस बात को दर्शाता है कि हमारा मन और हृदय पवित्र बना रहे ।

जय छठी मैया 🙏🙏
लेखिका - अंजना सिंह

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