ठोक दी गई हैं कीलें
समय में, कि
कील दिया है हमें
इस समय ने
अब यहाँ
सरसों नहीं फूलती
धरती को छोड़ दिया
यूँ ही उजड़ने के लिए
हवा भी खो बैठी है
अपनी महक
विदेशी परफ्यूम की
गंध में
रात दिन
सीमेंट के बंद डिब्बों में
रेंगते हुए
क्या जान पा रहे हैं
किस साजिश के तहत
डाल दिए गए हैं
किन्हीं कुओं में
समय में, कि
कील दिया है हमें
इस समय ने
अब यहाँ
सरसों नहीं फूलती
धरती को छोड़ दिया
यूँ ही उजड़ने के लिए
हवा भी खो बैठी है
अपनी महक
विदेशी परफ्यूम की
गंध में
रात दिन
सीमेंट के बंद डिब्बों में
रेंगते हुए
क्या जान पा रहे हैं
किस साजिश के तहत
डाल दिए गए हैं
किन्हीं कुओं में
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सखियों आपके बोलों से ही रोशन होगा आ सखी का जहां... कमेंट मॉडरेशन के कारण हो सकता है कि आपका संदेश कुछ देरी से प्रकाशित हो, धैर्य रखना..