कभी तुम देखना अगर जो मिल गये
कभी किस्मत से .........
मेरे लिए भी..........
कुछ वक़्त तुमको
मेरे बटुए में
कुछ फटे हुए कागज पर
बिंदी के पत्तो के पीछे खिची
लफ्जों की लकीरे
पंसारी के लिफाफों पर लिखी कुछ नज़्म
.............................................
सब सम्हाल कर रखी है मैंने
.. कहा लिखकर रखू इनको
यु अचानक जब ख्याल
एक श्रंखला बनकर आते है मन में
में बस लिखती जाती हु
सहेजती जाती हु
किसी दिन तो होगी मेरी यह
उदासी तेरी
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जवाब देंहटाएं" कुछ फटे हुए कागज पर
जवाब देंहटाएंबिंदी के पत्तो के पीछे खिची
लफ्जों की लकीरे
पंसारी के लिफाफों पर लिखी कुछ नज़्म" को बहुत सुंदर अक्षरो मे उकेरा है आपने नीलिमा जी
किसी दिन तो होगी मेरी यह
जवाब देंहटाएंउदासी तेरी bahut sundar..
shukriya parveena ji ..Anita ji
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया।
जवाब देंहटाएंसादर
खूबसूरत भावाभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंSundar likha hai
जवाब देंहटाएंthank you frds for liking
जवाब देंहटाएंbahut sunder bhav... chu gaye mun ko...
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