उत्तरांचल का त्योहार घुघुतिया
उत्तराखंड राज्य के कुमाउं में मकर सक्रांति पर “घुघुतिया” के नाम से त्यौहार मनाया जाता है | यह कुमाऊँ का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह एक स्थानीय पर्व होने के साथ साथ स्थानीय लोक उत्सव भी है क्योंकि इस दिन एक विशेष प्रकार का व्यंजन घुघुत बनाया जाता है जिसे दूध और गुड को आटे में मिलाकर तैयार किया जाता है इस त्यौहार की अपनी अलग पहचान है | इस त्यौहार को उत्तराखंड में “उत्तरायणी” के नाम से मनाया जाता है कई गाँव के आसपास उत्तरायण मेला भी आयोजित किया जाता है l
जबकि गढ़वाल में इसे पूर्वी उत्तरप्रदेश की तरह “खिचड़ी सक्रांति” के नाम से मनाया जाता है | विश्व में पशु पक्षियों से सम्बंधित कई त्योहार मनाये जाते हैं पर कौओं को विशेष व्यंजन खिलाने का यह अनोखा त्यौहार उत्तराखण्ड के कुमाऊँ के अलावा शायद कहीं नहीं मनाया जाता है | यह त्यौहार विशेष कर बच्चो और कौओ के लिए बना है | इस त्यौहार के दिन सभी बच्चे सुबह सुबह उठकर कौओ को बुलाकर कई तरह के पकवान खिलाते है और जब तक कौवा उनका खाना नहीं खाता तब तक कोई खुद भी नहीं खाता.. सुबह सुबह पहाड़ के हर घर से यही आवाज़ आती है.. काले कौआ काले घुघूत मवा खा ले.. अर्थात..काले कौवे घुघूत खा ले..
बहुत बढ़िया लिखा.बच्चे भी घुघुतिया त्योहार का पूरे साल बेसब्री से इन्तज़ार करते हैं
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी।
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