बुधवार, 27 जुलाई 2011





5 टिप्‍पणियां:

  1. अनिता जी,बहुत अच्छी रचना लिखी है आपने जैसा सुना था आपके बारे मे वैसा ही पाया |

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  2. यह मैंने गूगल + पर भी पढ़ी थी ..अच्छी प्रस्तुति

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  3. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  4. ji bilkul sabhi aadat, jiske bina jeevan hi adhura lagne lagti hai, kitni sachai hai is waywharik bhawnatamk tathyon, gussa, pyar, khatpat, aur dher sari baaten..... bahut achchhi abhiwaykti

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सखियों आपके बोलों से ही रोशन होगा आ सखी का जहां... कमेंट मॉडरेशन के कारण हो सकता है कि आपका संदेश कुछ देरी से प्रकाशित हो, धैर्य रखना..