सखियों की बातें दिल से दिमाग तक...
नीता जी ,तन्हाई ना हो तो यादो को सहेजना मुश्किल हो जाता है ,भीड़ में तो दमन बचाने से ही फुर्सत नहीं मिलती |
bahut khoob
सखियों आपके बोलों से ही रोशन होगा आ सखी का जहां... कमेंट मॉडरेशन के कारण हो सकता है कि आपका संदेश कुछ देरी से प्रकाशित हो, धैर्य रखना..
नीता जी ,तन्हाई ना हो तो यादो को सहेजना मुश्किल हो जाता है ,भीड़ में तो दमन बचाने से ही फुर्सत नहीं मिलती |
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