दिल के गहरे सागर में ,
बस ठहराव की कमी है ,
कभी सवालों क तूफां है ,
कभी विचारों की सुनामी ,
दुनिया के झमेले ,हर वक़्त आँखों में नमी है ,
दिल के गहरे सागर में ...........
अहसास दिल के बेअसर हों जैसे ,
ना गम में उदास होता है ,
ना खुशियों में ख़ुशी है ,
कहने को तो ज़िंदा भी हैं हम ,
बस जिंदगी की कमी है ,
दिल के गहरे सागर में *बस ठहराव की कमी है **
बस ठहराव की कमी है ,
कभी सवालों क तूफां है ,
कभी विचारों की सुनामी ,
दुनिया के झमेले ,हर वक़्त आँखों में नमी है ,
दिल के गहरे सागर में ...........
अहसास दिल के बेअसर हों जैसे ,
ना गम में उदास होता है ,
ना खुशियों में ख़ुशी है ,
कहने को तो ज़िंदा भी हैं हम ,
बस जिंदगी की कमी है ,
दिल के गहरे सागर में *बस ठहराव की कमी है **
सही कहा सीमा जी ,यह ठहराव ही तो नहीं है विचारो मे ,नहीं तो दुख और सच एक से महसूस होते !
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