सोमवार, 4 जुलाई 2011

बारिश...




4 टिप्‍पणियां:

  1. आज बारिश भी है और चाय भी है...


    वाह क्‍या समां है... बहुत खूब

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  2. Aaahaaaa.....mast mausam....manpasand chai....aur sath me MANNMEET.......tabhi to rache hai sakhi anita ne itne pyare geet......

    yaadein...kitna sukun deti hai...pal bhar me kaha se le jaati hai.....bahot kuch yaad dilaya aap ki is rachnaa ne Anita sakhi....!!!!

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  3. nice and lovely mausom aur us par yeh kavita sach jeevan sukmai hee lagta jaie>>>

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  4. आज बारिश भी है..पर वो कहाँ...जनाब हम हैं ..हमारे साथ भिगिये ना..इतनी सारी सखियाँ हैं...सबको बुलाओं..

    खैर ये मजाक था..आपकी कविता पड के हम भी भीग गये यार और ऊपर से ये बारिश का मौसम भी है...तो सोने पे सुहागा..

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सखियों आपके बोलों से ही रोशन होगा आ सखी का जहां... कमेंट मॉडरेशन के कारण हो सकता है कि आपका संदेश कुछ देरी से प्रकाशित हो, धैर्य रखना..